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बुधवार, 4 अगस्त 2021

कुछ पल...




 टिक-टिक करते
सरकते पल
अक्सर टटोलते हैं
भागते लम्हों के पाँव,
संवेदनाओं की 
नब्ज को
छूकर
अपनी खुरदरी
उंगलियों से,
अपने होने का 
एहसास जताते हैं
और कुछ बचकाने पल
आजीवन लुभाते हैं
मुँह में घुली
संतरी टॉफियों
के स्वाद-सी।
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#श्वेता सिन्हा