क्या सचमुच
एक दिन
क्षमाभाव समाप्त हो जायेगा?
प्रेम की आकांक्षा शेष रहेगी
किंतु क्रोध की एकता
मिसाल बनेगी?
श्रेष्ठ होने की होड़ में
सबको समान रूप से शत्रु मानते
लोगों को देख,
सोचती हूँ अक़्सर
क्या क्रूरता को
आत्मा के पवित्र भावों,
धर्म ग्रंथों में उद्धरित
पात्रों के साथ रखकर
ऐतिहासिक बनाकर
आने वाली पढ़ियाँ
गौरवान्वित होगी?
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#श्वेता सिन्हा
२९ जुलाई २०२१